शुक्राणुओं के स्वास्थ की चिंता है ? निल शुक्राणु (Nil Sperm) का डर है? बच्चे नहीं हो रहे ? निःसंतानता का है डर ? किन चीज़ों से बचें ? कैसे रखें शुक्राणुओं का ध्यान ? आइये आज के इस लेख में शुक्राणु और निल स्पर्म से जुड़े सभी ज़रूरी तथ्यों को जानें।
“निल शुक्राणु”(Nil Sperm) एक स्थिति है जिसमें पुरुष की जननांग में पाए जाने वाले शुक्राणुओं की संख्या और साक्षरता में कमी होती है। यह अवस्था उन पुरुषों में दिखाई देती है जिनके शुक्राणुओं की संख्यात्मक या कार्यात्मक प्रदर्शन में कमी होती है, जिसके कारण प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसे “आजोस्पर्मिया”(Azoospermia) भी कहा जाता है। आसान भाषसे में कहें तो बच्चे पैदा न होने का एक कारन निल स्पर्म यानि Azoospermia भी होता है, जिसमे के शरीर में बनने वाले शुक्राणुओं में कमी आ जाती है।
सेक्स समस्या के कारण जब कोई ममनुष्य बच्चे पैदा नहीं कर पता है तब उसका स्पर्म एनालिसिस या सीमेन टेस्ट किया जाता है। इस जांचे को किसी भी सामान्य लैब से किया जा सकता है। इस जाँच के परिणाम एक से दो दिन में ही आ जाते हैं। शुक्राणु की जांच आवश्यकतानुसार विभिन्न तरीकों से की जा सकती है। यहाँ एक सामान्य प्रक्रिया दी गई है:
सामान्यत: एक मिलीलीटर में पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या का मानचित्रित मान लगभग 15 मिलियन से 200 मिलियन तक होता है। यदि आपके शुक्राणु संख्यात्मक अथवा साक्षरता में कमी है तो चिकित्सक से सलाह प्राप्त करना उपयुक्त हो सकता है।
यदि पुरुष के एक मिलीलीटर में शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन से कम होती है, तो इसे कम स्पर्म संख्या या “ओलिगोस्पर्मिया” कहा जाता है। यह संख्या अलग-अलग लैबोरेटरीज और शोध के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह मानक मान होता है।
ओलिगोस्पर्मिया पुरुषों में कम शुक्राणुओं की संख्या के लिए मेडिकल शब्द है। महिला को गर्भवती करने के लिए वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से काम नहीं होनी चाहिए। यदि शुक्राणुओं की संख्या इससे कम है, तो स्थिति को ओलिगोस्पर्मिया या ओलिगोज़ोस्पर्मिया कहा जाता है।
“आलोगोस्पर्मिया” एक पुरुष की जननांग में शुक्राणुओं की संख्या में आपातकालीन कमी को दर्शाता है। यह शुक्राणु संख्यात्मक अथवा साक्षरता में कमी के रूप में प्रकट हो सकता है और प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है। इसके कारण विभिन्न हो सकते हैं।
आलोगोस्पर्मिया का उपचार संभव हो सकता है, लेकिन यह काफी आवश्यक है कि आप चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें और विशेषज्ञ की दिशा निर्देशित उपचार लें।
आज हमने निल शुक्राणु से जुडी बिमारियों के बारे में जाना और समझा। ऐसी समस्याओं से कैसे निपटें और इनको न होने देने के लिए क्या करें।हमने आपको बताया की किस प्रकार शुक्राणुओं ध्यान रखा जाता है और अच्छा यही होता है के आप अपने को किसी बीमारी के प्रकोप में आने से बचाएं। आज के इस लेख में हमने आपको बताया के आजोस्पर्मिया और ओलिगोस्पर्मिया क्या होता है। साथ ही इन बिमारियों के इलाज के लिए क्या करना आवश्यक है। सेक्स समस्याओं से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिए आप अन्य ब्लॉग भी पड़ सकते हैं साथ ही इन समस्याओं से निपटने के लिए उपचार की भी जानकारी ले सकते हैं।
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