हस्थमैथुन से हो रहा नुक्सान ? घबराएं नहीं करें यह तीन काम।
बचपन में हस्थमैथुन की आदत हो गयी थी और आज तक इससे छुटकारा नहीं पा सके हो ? जब भी किसी स्त्री को देखते हैं तो हस्थमैथुन करने की इक्छा होती है ? मन पर काबू नहीं हो पा रहा है जिसके कारण शरीर को नुक्सान पहुँच रहा है। घबराने की ज़रुरत नहीं है हम आपको तीन ऐसे काम बताएँगे जिन्हे करके आप हस्थमैथुन से छुटकारा प् सकते हैं। सबसे पहले ये समझिये की हस्थमैथुन होता क्या है ?
हस्थमैथुन क्या है ?
हस्तमैथुन यानी मास्टरबेशन एक सामान्य शारीरिक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी यौन इच्छाओं को खुद ही पूरा करता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति अपने जननांगों जैसे कि पुरुषों में लिंग को छूकर या उत्तेजित करके यौन सुख प्राप्त करता है। यह बिलकुल एक प्राकृतिक और सामान्य प्रक्रिया होती है, जो तनाव कम करती है, यौन इच्छाओं को शांत करने और शारीरिक आनंद प्राप्त करने का एक माध्यम हो सकता है।ऐसा नहीं है के केवल पुरुष ही हस्तमैथुन करते हैं, महिलाएं भी हस्तमैथुन करती है पर अक्सर पुरुष ही हस्तमैथुन अधिक करते है क्योंकि पुरुषों की शारीरिक और मानसिक बनावट के कारण उनमे उत्तेजना को शांत करने की आवश्यकता ज़ादा होती है। पुरुषों में भी बचपन में या कहें की नासमझी की आयु में हस्तमैथुन अधिक देखने मिलता है। हस्तमैथुन के समापन में जननांग से वीर्य निकलता है जो कि शरीर में लगातार बनता रहता है। हस्तमैथुन के कुछ घंटो में दोबारा बनना शुरू हो जाता है और लगभग 24 से 36 घंटो में यह दोबारा से बन जाता है। हालांकि पूर्ण रूप से वीर्य बनने में कई दिन लग सकते हैं, यह अलग अलग शरीर के अनुसार बनता है।
हस्थमैथुन के फायदे और नुक्सान क्या हैं?
हस्थमैथुन किसे कहते हैं, यह तो हम सब जानते ही हैं लेकिन अक्सर लोग हस्थमैथुन के फायदे और नुकसान को समझने में गलती करते हैं। अक्सर लोगों को भ्रम होता है कि हस्तमैथुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, पर यह बिलकुल गलत है। जब तक यह अत्यधिक न हो तब तक इसका कोई नुकसान नहीं होता है। कभी कभार हस्थमैथुन करने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर को स्वस्थ रहने में सहायता करता है। अक्सर कभी कभार होने वाला स्वप्न दोष केवल हस्थमैथुन की मदत से रोका जा सकता है। लेकिन अगर नुक्सान की बात की जाए तो लगातार हस्थमैथुन करने से नुकसान होना तय है। सामान्य मात्रा में हस्तमैथुन नुकसानदायक नहीं देता, लेकिन सामान्य मात्रा यहाँ समझना ज़रूरी है। अलग अलग व्यक्ति पर अलग असर होने के कारण हर शरीर की सामान्य मात्रा अलग मानी जाएगी। लेकिन आम तौर पर महीने में एक बार को सामन्यता मानना सुरक्षित रहेगा। ऐसा नहीं है कि इसका केवल शारीरिक असर है अधिक हस्तमैथुन से मानसिक समस्याएं भी आती हैं।
आईये एक बार हस्तमैथुन से होने वाली समस्यांओ पर नज़र डालते हैं
- यौन संवेदनशीलता में कमी: अत्यधिक हस्तमैथुन से जननांगों की संवेदनशीलता कम हो सकती है। जिसके वास्तविक यौन सम्बन्ध के समय उत्तेजना में कमी आ जाती है। लम्बे समय तक हस्तमैथुन करते रहने से यह समस्या विकराल रूप ले सकती है।
- यौन संतुष्टि में कमी: अत्यधिक हस्तमैथुन से वास्तविक यौन संबंधों में यौन संतुष्टि में कमी महसूस हो सकती है, क्योंकि यह शरीर को जरूरत से ज्यादा उत्तेजित कर सकता है।
- ध्यान और एकाग्रता में कमी: अत्यधिक हस्तमैथुन से दिमाग पर इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे पढ़ाई, काम या अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में ध्यान की कमी हो सकती है।
- मानसिक तनाव: यदि इसे लेकर अपराधबोध या शर्म महसूस हो, तो यह मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद का कारण बन सकता है। वहीँ दूसरी ओर तनाव काम करने के लिए हस्तमैथुन करने की लत लग जाती है और इस चक्र में लोग फंसते जाते हैं।
- सामाजिक जीवन पर असर: अगर यह आपकी दिनचर्या और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है, तो यह एक समस्या बन सकता है।
- रिश्तों पर प्रभाव: अगर यह आदत असंतुलित हो जाए, तो यह आपके व्यक्तिगत या यौन संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। आप अपने और अपने साथी दोनों की असंतुष्टि का कारण बन सकते है।
- शारीरिक थकान: बार-बार हस्तमैथुन करने से शरीर में थकावट और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। जिसके कारण शरीर कमज़ोर और पतला हो सकता है।
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कैसे छोड़े हस्तमैथुन? ये तीन काम करें
आईये मुख्या प्रश्न पर आते है की हस्तमैथुन को कैसे त्यागा जाए? शुरू में हमने आपको बताया था कि तीन काम अगर आप करेंगे तो आप हस्तमैथुन को आसानी से छोड़ देंगे, आप सोच रहे होने कि आखिर कोनसे तीन काम हो सकते हैं वो। आईये उन कामो पर एक नज़र डालते हैं।
- मैडिटेशन
- एक्सरसाइज
- टाइम मेनेजमें
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