आज इस लेख में आपको सीमेन यानि वीर्य (sperm) और उससे जुड़े कुछ कुछ पहलुओं पर जानकारी देंगे। साथ ही आपको बताएँगे कि निल स्पर्म (nil sperm) क्या होता है और सीमेन (semen test) की जाँच कब कराइ जाती है ? स्पर्म को स्वस्थ (sperm health) बनाये रखने के लिए क्या करना चाहिए ? हस्थमैथुन (Masturbation) का वीर्य पर क्या असर पड़ता है ?
“सीमन” या सेमेन पुरुषों का वन्यजन्य तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो स्पर्म (वीर्य) और विभिन्न रसों का मिश्रण से बना होता है। यह प्रमुख रूप से प्रजनन के लिए आवश्यक होता है। सेमेन में पाए जाने वाले विभिन्न तत्व प्रजनन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। वीर्य में पाए जाने वाले स्पर्मोजेनेसिस के लिए आवश्यक पोषण और अन्य रसों का मिश्रण निरंतरता और स्थायिता को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
अक्सर जब किसी पुरुष में कोई सेक्सुअल समस्या आती है तब डॉक्टरों द्वारा वीर्य की जाँच करने के लिए कहा जाता है। इसे सीमेन टेस्ट भी कहते हैं जो की किसी भी सामान्य लैब से कराया जा सकता है। इसमें वीर्य की मात्रा, गति, रंग, संरचना और अन्य पैरामीटर्स की जांच की जाती है। इसका प्रमुख उद्देश्य बंजरपन की समस्या का पता लगाना होता है।
सेमेन देने की प्रक्रिया में व्यक्ति को एक विशेष प्रकार के कंटेनर में वीर्य संग्रहित करना होता है, जिसे वैज्ञानिक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है। इसके परिणाम आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक आ सकते हैं।
सेमेन टेस्ट में निम्नलिखित पैरामीटर्स की जांच की जाती है:
निम्नलिखित कारणों के होने के आसार हो तो डॉक्टर आपको वीर्य की जाँच करवाने के लिए कह सकते हैं।
“निल स्पर्म” यानी “शून्य वीर्य” एक स्थिति है जिसमें पुरुष के वीर्य में कोई भी स्पर्म प्रमुख जानकारी के अनुसार नहीं पाए जाते हैं। इसका मतलब होता है कि पुरुष की वन्यजन्य स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो सकती है जो स्पर्मोजेनेसिस (स्पर्म उत्पादन) को प्रभावित कर सकती है।
निल स्पर्म की स्तिथि में क्या करें ?
निल स्पर्म की परिस्थितियों में, डॉक्टर को व्यक्तिगत सलाह देने के लिए आपकी मेडिकल हिस्ट्री और स्वास्थ्य की जांच की आवश्यकता होती है।
ज्यादा मास्टरबेशन करने से वास्तविकता में, सेमेन की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। हस्थमैथुन हर व्यक्ति पर अलग प्रकार से असर दाल सकता है लेकिन आम तौर पर निम्नलिखित असर देखने मिलते हैं।
5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: अधिक मास्टरबेशन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव पड़ सकता है, जिससे सेमेन पर भी प्रभाव हो सकता है।
9. सेक्सुअल हेल्थ की देखभाल: सेक्सुअल हेल्थ को बनाए रखने के लिए सेक्सुअल हेल्थ के विषय में जागरूक रहें और यदि आवश्यक हो तो सेक्स्यूअल प्रोब्लम्स का सही समाधान पाने के लिए डॉक्टर से मान्यता प्राप्त करें।
10. अधिक हस्तमैथुन न करें : हस्तमैथुन एक आम प्रक्रिया है जिससे घबराने या शर्माने की कोई ज़रूरत नहीं होती लेकिन अति किसी भी चीज़ की बुरी ही होती है।
तो आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया के स्पर्म, सीमेन, सेमेन या वीर्य किसे कहते है और इसकी जाँच की ज़रूरत कब होती है। साथ ही आपको वीर्य से जुडी कुछ खास जानकारियां भी दीं। अगर आपको सेक्स सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई भी मानसिक या शारीरिक समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लेने से न कतराएं। एक अच्छा डॉक्टर ही आपकी पूरी मदत कर सकता है।
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