“वीर्य/सीमेन (वीर्य परीक्षण) की जांच कब कराई जाती है?”

“वीर्य/सीमेन (वीर्य परीक्षण) की जांच कब कराई जाती है?”

 आज इस लेख में आपको सीमेन यानि वीर्य (sperm) और उससे जुड़े कुछ कुछ पहलुओं पर जानकारी देंगे। साथ ही आपको बताएँगे कि निल स्पर्म (nil sperm) क्या होता है और सीमेन (semen test) की जाँच कब कराइ जाती है ? स्पर्म को स्वस्थ (sperm health) बनाये रखने के लिए क्या करना चाहिए ?  हस्थमैथुन (Masturbation) का वीर्य पर क्या असर पड़ता है ?

सीमेन यानि वीर्य क्या है ? What is Sperm?

“सीमन” या सेमेन पुरुषों का वन्यजन्य तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो स्पर्म (वीर्य) और विभिन्न रसों का मिश्रण से बना होता है। यह प्रमुख रूप से प्रजनन के लिए आवश्यक होता है। सेमेन में पाए जाने वाले विभिन्न तत्व प्रजनन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। वीर्य में पाए जाने वाले स्पर्मोजेनेसिस के लिए आवश्यक पोषण और अन्य रसों का मिश्रण निरंतरता और स्थायिता को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।

सेमेन का संरचना विभिन्न तत्वों के मिश्रण के रूप में होता है, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. स्पर्म (वीर्य): स्पर्म का मुख्य कार्य प्रजनन प्रक्रिया में भाग लेना होता है। स्पर्म अणुओं का मिश्रण होता है, जिनमें प्रत्येक अणु के अणुमंश और टेल मौजूद होते हैं।
  2. प्रोस्टेटिक रस (Prostatic Fluid): प्रोस्टेटिक रस प्रमुखत: अणुमंश को पोषण प्रदान करने के लिए उपयुक्त माध्यम प्रदान करता है।
  3. सेमिनल वेसिकलर रस (Seminal Vesicular Fluid): यह रस स्पर्म को पोषित करने के लिए प्रयुक्त होता है और स्पर्म की ऊर्जा को बढ़ाता है।
  4. कोवलेंट ग्लैंड की सेक्रेशन (Bulbourethral Gland Secretion): यह रस स्पर्म के बारे में पहले पास करता है, जिससे वीर्य का प्रवाह सुविधाजनक और सुरक्षित होता है।

 

 

वीर्य की जाँच Semen Test

अक्सर जब किसी पुरुष में कोई सेक्सुअल समस्या आती है तब डॉक्टरों द्वारा वीर्य की जाँच करने के लिए कहा जाता है। इसे सीमेन टेस्ट भी कहते हैं जो की किसी भी सामान्य लैब से कराया जा सकता है। इसमें वीर्य की मात्रा, गति, रंग, संरचना और अन्य पैरामीटर्स की जांच की जाती है। इसका प्रमुख उद्देश्य बंजरपन की समस्या का पता लगाना होता है।

सेमेन देने की प्रक्रिया में व्यक्ति को एक विशेष प्रकार के कंटेनर में वीर्य संग्रहित करना होता है, जिसे वैज्ञानिक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है। इसके परिणाम आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक आ सकते हैं।

सेमेन टेस्ट में निम्नलिखित पैरामीटर्स की जांच की जाती है:

  1. स्पर्म काउंट (Sperm Count): यह जांचता है कि एक मिलीलीटर वीर्य में कितने स्पर्म होते हैं।
  2. स्पर्म मॉटिलिटी (Sperm Motility): यह देखने में मदद करता है कि स्पर्म कितने अच्छे तरीके से आगे बढ़ सकते हैं।
  3. 3. स्पर्म मॉर्फोलॉजी (Sperm Morphology): यह जांचता है कि स्पर्म की आकृति और संरचना कैसी है, जिससे यह ज्यादा फर्टिल बन सकते हैं या नहीं।
  4. वीर्य की मात्रा (Volume of Semen): इससे पता चलता है कि वीर्य की कितनी मात्रा होती है।
  5. वीर्य का पारंपरिक रंग (Color of Semen): वीर्य का स्वास्थ्य और सामान्यता का पता लगाने के लिए रंग की जांच की जाती है।
  6. वीर्य की भाषा (Viscosity of Semen): यह जांचता है कि वीर्य कितनी गाढ़ा है और यह योनि में आसानी से प्रवेश कर सकता है या नहीं।
  7. पीएच (pH) आवेदन: वीर्य का pH मान उसके अवशिष्ट वातावरण की परिस्थितियों को दर्शाता है।

कब देते हैं डॉक्टर वीर्य की जाँच की सलाह ?

निम्नलिखित कारणों के होने के आसार हो तो डॉक्टर आपको वीर्य की जाँच करवाने के लिए कह सकते हैं। 

  1. बांझपन (Infertility): यदि किसी पुरुष को या उसकी पार्टनर को बच्चे की अपेक्षा होते हुए भी गर्भधारण नहीं हो रहा हो, तो उन्हें सेमेन टेस्ट की जरूरत हो सकती है।
  2. वन्यजन्य समस्याएँ (Reproductive Issues): यदि पुरुष को वन्यजन्य समस्याएँ जैसे कि कम वीर्य की मात्रा, अच्छी तरीके से मॉटिल स्पर्म की कमी, या वीर्य की संरचना में समस्या हो, तो भी सेमेन जांच किया जा सकता है।
  3. शुरूआती प्रजनन समस्याएँ (Early Reproductive Problems): यदि किसी पुरुष में शुरूआती प्रजनन समस्याएँ होती हैं, तो उन्हें सेमेन टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है।
  4. वन्यजन्य स्वास्थ्य निगरानी (Reproductive Health Monitoring): कुछ व्यक्तियों को वन्यजन्य स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नियमित अंतराल पर सेमेन जांच की जा सकती है।

निल स्पर्म क्या होता है ?

“निल स्पर्म” यानी “शून्य वीर्य” एक स्थिति है जिसमें पुरुष के वीर्य में कोई भी स्पर्म प्रमुख जानकारी के अनुसार नहीं पाए जाते हैं। इसका मतलब होता है कि पुरुष की वन्यजन्य स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो सकती है जो स्पर्मोजेनेसिस (स्पर्म उत्पादन) को प्रभावित कर सकती है।

निल स्पर्म की स्तिथि में क्या करें ?

  1. रीजन का पता लगाना (Identify the Cause):पहले, उस कारण का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए जिसके कारण स्पर्मोजेनेसिस प्रभावित हो सकता है। यह किसी गंदगी, इंफेक्शन, शारीरिक बीमारी, या योनि श्वसन संबंधित समस्या की वजह से हो सकता है।
  2. आवश्यक जांचें (Required Tests): आवश्यक जांचें हो सकती हैं, जैसे कि हॉर्मोन परीक्षण, वीर्य की जांच, या शरीर के अन्य हिस्सों की जांच, ताकि सही कारण पता लग सके।
  3. उपचार योजना (Treatment Plan): डॉक्टर उपचार योजना तैयार करेंगे जो स्पर्मोजेनेसिस को सुधारने के लिए हो सकती है। इसमें दवाओं, आहार और जीवनशैली में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।

निल स्पर्म की परिस्थितियों में, डॉक्टर को व्यक्तिगत सलाह देने के लिए आपकी मेडिकल हिस्ट्री और स्वास्थ्य की जांच की आवश्यकता होती है।

निल स्पर्म की स्थिति कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. वीर्यमार्ग में रुकावट (Obstruction in Seminal Pathway): किसी प्रकार के वीर्यमार्ग में रुकावट के कारण वीर्य की समस्या हो सकती है, जो स्पर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकती है।
  2. हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance): वन्यजन्य हॉर्मोनों में असंतुलन किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या, शारीरिक बीमारी या आहार में कमी के कारण हो सकता है, जो स्पर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकता है।
  3. जननांग में विकार (Genital Anomalies): किसी पुरुष के जननांग में किसी प्रकार का विकार हो सकता है जो स्पर्म उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
  4. इंफेक्शन या शारीरिक समस्या (Infections or Health Issues): अगर किसी पुरुष को इंफेक्शन या किसी अन्य शारीरिक समस्या हो, तो वह स्पर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकता है।
  5. गंदगी और अपशिष्ट आहार (Poor Hygiene and Unhealthy Diet): गंदगी, अपशिष्ट आहार और अन्य अस्वस्थ आदतें भी स्पर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकती हैं।
  6. रोगाणु संक्रमण (Testicular Infections): जननांग के रोगाणु संक्रमण भी स्पर्मोजेनेसिस को प्रभावित कर सकते हैं।
  7. मेडिकल कंडीशन्स (Medical Conditions): कुछ मेडिकल कंडीशन्स जैसे कि कैम्ब्रिज गियर सिंड्रोम या कल्मन सिंड्रोम की वजह से भी स्पर्मोजेनेसिस प्रभावित हो सकता है।

क्या हस्थमैथुन से निल स्पर्म हो सकता है ?

ज्यादा मास्टरबेशन करने से वास्तविकता में, सेमेन की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। हस्थमैथुन हर व्यक्ति पर अलग प्रकार से असर दाल सकता है लेकिन आम तौर पर निम्नलिखित असर देखने मिलते हैं। 

  1. स्पर्म मात्रा: ज्यादा मास्टरबेशन करने से एक बार में वीर्य की मात्रा कम हो सकती है।
  2. स्पर्म की गुणवत्ता: अधिक मास्टरबेशन के कारण, सेमेन की गुणवत्ता में थोड़ी कमी हो सकती है जैसे कि वीर्य की मात्रा कम होना, मॉटिलिटी की कमी या वीर्य की संरचना में परिवर्तन।
  3. सेक्सुअल परफ़ॉरमेंस: अधिक मास्टरबेशन के कारण सेक्सुअल परफ़ॉरमेंस पर असर पड़ सकता है, जैसे कि शीघ्रपतन या इरेक्टाइल डिसफंक्शन।
  4. हार्मोनल असंतुलन: बहुत अधिक मास्टरबेशन करने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिसका सेमेन पर भी असर पड़ सकता है।

5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: अधिक मास्टरबेशन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव पड़ सकता है, जिससे सेमेन पर भी प्रभाव हो सकता है।

स्पर्म के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित 10 बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:

  1. स्वस्थ आहार: पोषणपूर्ण आहार खाना जैसे कि फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, प्रोटीन युक्त आहार, हरे पत्तियाँ, और सही मात्रा में पानी पीना।
  2. नियमित व्यायाम और कसरत : योग, ध्यान, व्यायाम और प्राणायाम करना जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बना रहे।
  3. समय पर सोना: रात की अच्छी नींद और उसके लिए समय पर सोना, कम से कम 7-8 घंटे की नींद पूरी करना।
  4. तंबाकू और अल्कोहल से बचाव: सिगरेट, तंबाकू और अधिक मात्रा में अल्कोहल से बचें।
  5. स्ट्रेस कम करें: तंत्रिका और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और आवाज़न के तकनीकें अपनाएं।
  6. हड्डियों की देखभाल: विटामिन D की कमी से बचने के लिए सूरज की किरणों में समय बिताएं और कैल्शियम युक्त आहार खाएं।
  7. अधिक विश्राम: लम्बे समय तक बैठे रहने से बचने के लिए नियमित विश्राम लें और टेक ब्रेक्स लें।
  8. अधिक हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीने से शरीर का प्रयोजनिय जीवन चलता रहता है और वीर्य की मात्रा भी बनाई रहती है।

9. सेक्सुअल हेल्थ की देखभाल: सेक्सुअल हेल्थ को बनाए रखने के लिए सेक्सुअल हेल्थ के विषय में जागरूक रहें और यदि आवश्यक हो तो सेक्स्यूअल प्रोब्लम्स का सही समाधान पाने के लिए डॉक्टर से मान्यता प्राप्त करें।

10. अधिक हस्तमैथुन न करें : हस्तमैथुन एक आम प्रक्रिया है जिससे घबराने या शर्माने की कोई ज़रूरत नहीं होती लेकिन अति किसी भी चीज़ की बुरी ही होती है। 

 

तो आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया के स्पर्म, सीमेन, सेमेन या वीर्य किसे कहते है और इसकी जाँच की ज़रूरत कब होती है। साथ ही आपको वीर्य से जुडी कुछ खास जानकारियां भी दीं। अगर आपको सेक्स सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई भी मानसिक या शारीरिक समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लेने से न कतराएं। एक अच्छा डॉक्टर ही आपकी पूरी मदत कर सकता है।

Read Also

Ala Herbal Pharma

Ala Herbal Pharma stands as a preeminent purveyor of top-tier herbal supplements, unwavering in our commitment to enhance the holistic health and vitality of our esteemed customers. Our overarching objective is to furnish a wide-ranging array of reliable and efficacious offerings, ensuring accessibility for all, while concurrently delivering unparalleled standards of customer service and assistance.

For Wholesale Purchase Contact At 7451039913

Contact Details

Follow Us :

All Right Reserved Copyright © 2023. Powered By Ala Harbal Pharma

Scroll to Top