तेल जो हस्थमैथुन के असर को पलट दे
क्या कोई ऐसा तेल है जो प्राकृतिक रूप से हस्थमैथुन के असर को पलट सके ? प्रकृति ने हमे अपने शरीर से जुडी हर समस्या का समाधान करने के लिए औषधि दी है। हालांकि हस्थमैथुन कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसके बहुत अधिक शारीरिक नुक्सान होते हों पर, अति हर चीज की बुरा प्रभाव डालती है। ज़रुरत से ज़ादा हस्थमैथुन शरीर में लिंग की नसों को नुक्सान पहुंचा सकता है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या आती है की लिंग में तनाव का ठहरना बंद हो जाता है। अंग्रेजी में इस समस्या को इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते है। यह काफी धीरे होता है इसलिए आपको इस समस्या के पूरी तरह रूप लेने तक समझ नहीं आता की आपको लिंग में तनाव की समस्या हो गयी है। इरेक्टाइल डिस्फंशन का इलाज करने के लिए आपको एक प्रशिक्षित डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। पर जो की आप खुद कर सकते है उसकी जानकारी आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे। आईये जानते है की किस तेल से आपको हस्थमैथुन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। चमत्कारी तेल जो नसों को दे नया जीवन इस तेल का नाम है भिलावा का तेल। यह भलवा या फिर बालदार के नाम से भी जाना जाता है। यह बलदार के पेड़ से मिलने वाले बीजों से निकला जाता है। इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम Semecarpus anacardium है और इसके पेड़ को Aegle marmelos कहते है। इस पेड़ के बीज विषैले भी हो सकते है इसलिए बीजों को विधि अनुसार शुद्ध करके इसके तेल को निकला जाता है। यह तेल शरीर की खाल से सूजन को ख़तम करता है, रक्त प्रवाह को शुरू करता है, खाज खुजली और कीटाणुओं को मारता है और नसों व माशपेशियों पर मालिश करने से उनमे पुनः जान फूंकता है। भारत में यह अनेकों आयुर्वेदिक व यूनानी दवाओं में प्रयोग में लाया जाता है। इसके लगातार प्रयोग से आप अपनी हस्थमैथुन से आयी कमियों को ठीक कर सकते हैं। कैसे इस्तेमाल करें इस तेल को भिलावा का तेल इस्तेमाल करने के लिए आपको इस तेल के साथ कोई भी अन्य तिल को जैसे की टिल का तेल या नारियल का तेल मिलाना होगा। बराबर मात्रा में दोनों तेल मिलकर दो से तीन बूँदें लिंग पर डालकर मालिश करनी होगी। दिन में दो बार मालिश कर सकते हैं। मालिश करने के बाद सम्भोग करना हुआ तो लिंग को अच्छे से साबुन से धोना पड़ेगा। सम्भोग के समय इस तेल को नहीं लगाना है यह केवल मालिश के लिए है। मालिश करने से क्या होगा? अक्सर लोग मालिश को केवल मनोरंजन या सर दर्द तक ही सीमित रखते है। असल में मालिश एक इलाज भी होता है। अक्सर जब शरीर की नसें काम करना बंद कर देती हैं तो काइरोप्रैक्टर्स के पास आपको रेफेर किया जाता है। यह एक मेडिकल की पूरी शाखा है जिसमे शरीर के विभिन्न अंगों को मालिश द्वारा ठीक किया जाता है। ठीक इसी प्रकार से लिंक की नसों को ठीक करने के लिए भी मालिश बहुत ही अधिक लाभकारी होती है। मालिश से रक्त का प्रवाह बढ़ता है और माशपेशियों में जान आती है। दूसरा चमत्कारी तेल जो मिले घर घर में आपको जानकर हैरानी होगी की एक ऐसा तेल जो हमारे आपके घरों में अक्सर प्रयोग में लाया जाता है आपकी समस्या के लिए बहुत ही लाभकारी है। वह तेल है तिल का तेल। तिल तो आप सब जानते ही होंगे। तिल के लड्डू हर किसी ने खाये ही होंगे। वही तिल का तेल भी लगाया होगा। यही वो तेल है जिसके मालिश करने से लिंग में दोबारा रक्तचाप और ऊर्जा का बहाव शुरू होता है। अंग्रेजी में इस तेल को sesame oil कहते हैं। यह शरीर में ऑक्सीडेशन को रोकता है और त्वचा को जवान रखने में मदत करता है। इसमें जिंक, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते है जो त्वचा को ताकत देते हैं। यह त्वचा में आयी पानी की कमी को भी चुटकियों में दूर कर देता है। तिल का तेल कैसे करें प्रयोग हाथों को अच्छी तरह धो कर तिल के तेल की तीन से चार बूँदें लेकर लिंग पर लगाएं और मालिश करें। मालिश दो से तीन मिनट तक करनी होगी। एक महीना दिन में दो बार मालिश करने से आपके लिंग में दुबारा नयी ऊर्जा देखने मिलेगी। तिल का तेल लगाकर सम्भोग न करें। सम्भोग करने से पहले लिंग को अच्छी तरह साबुन से साफ़ करलें। तिल के तेल के साथ आप भलवा का तेल मिलाकर भी मालिश कर सकते हैं। इसके मालिश का असर बढ़ेगा। हालाँकि दोनों तेल न भी हो तो तिल के तेल से ही करें जोकि आपकी समस्या का निदान तिल का तेल भी पूरी तरह से कर सकता है। क्या हस्थमैथुन से नपुंसक्ता आती है? जी नहीं केवल हस्थमैथुन से नपुंसककता नहीं आ सकती। नपुंसककता एक स्तिथि है जिसमे अनेको कारण हो सकते हैं। वीर्य का ठीक काम न करना या फिर सेक्स करने की इक्छा ही न करना दोनों ही कारन मिलकर नपुंसकता को जन्म देते हैं। आधुनिक साइंस और प्राकृतिक जड़ीबूटी के संगम से बने अनेको इलाज हैं जो आपको नपुंसककता की स्तिथि से बहार लाने में आपकी मदत कर सकते हैं। ध्यान में रखने वाली बात यह है की हस्थमैथुन अधिक मात्रा में नहीं करना होता है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक है और इसका प्रयोग बहुत अधिक ज़रूरत पड़ने पर करना चाहिए। तब जाकर यह एक लाभकारी प्रक्रिया बनेगी। क्या मालिश से नसों में ढीलापन ठीक होगा ? अगर समस्या ज़ादा पुरानी नहीं है और आप रोज़ाना कसरत कटे हैं तो जी हाँ मालिश से आप पूरी तरह ठीक हो जायेंगे। हालाँकि आपको अगर समस्या काफी पुरानी हो गयी है तो आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मालिश तो ज़रूरी है ही आपको पता होना चाहिए की आपका शरीर पूर्णतः स्वस्थ है की नहीं। लिवर ठीक से काम करे यह बहुत ज़रूरी है। नहीं जो लिंग शिथिल पड़ता जायेगा। आपको लगेगा हस्थमैथुन की वजह से है पर वजह होगी कोई और ही। शरीर में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल से भी लिंग में ढीलापन आता है। इसी लिए आप मालिश करें और साथ में रोज़ाना एक घंटा कसरत करिये तो आपको कोई भी समस्या नहीं होगी। पसीना बहाने से और
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